आज, एक स्कूल की भूमिका न केवल अकादमिक उत्कृष्टता को आगे बढ़ाने के लिए है, बल्कि अपने छात्रों को आजीवन सीखने वाले, महत्वपूर्ण विचारक और एक बदलते वैश्विक समाज के उत्पादक सदस्यों के लिए प्रेरित और सशक्त बनाने के लिए भी है। हम अपने छात्रों को बहुमुखी विकास के लिए एक वातावरण प्रदान करते हैं, जहां बच्चों को उत्कृष्टता की खोज में अपनी क्षमता को चैनलाइज करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
स्कूल बच्चों में शैक्षणिक और पाठ्येतर गतिविधियों के साथ मजबूत मूल्यों को विकसित करने के लिए सर्वोत्तम संभव प्रयास करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है। यह ठीक ही कहा गया है कि "एक सपना एक लक्ष्य बन जाता है जब कार्रवाई को उसकी उपलब्धि की ओर ले जाया जाता है" और हम आशावादी और जीवन भर सीखने वाले और प्रेरित करने वालो का निर्माण करने के लिए रचनात्मक और उद्देश्यपूर्ण कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जो स्कूल, राज्य और देश में गौरव लाएगा।
बच्चों के भविष्य को ढालने में माता-पिता सबसे मजबूत शक्ति हैं। उनका लगातार समर्थन से हमें अधिक से अधिक कठिन परिश्रम करने का हौंसला मिलता है। इन सभी का लगातार हमारा साथ देने के लिए धन्यवाद, हर कदम पर हम अपना विश्वास कायम रखेंगे।
हम न केवल शिक्षा बल्कि खेल, कला और रचनात्मकता के क्षेत्र में भी सम्मान प्राप्त करके उत्कृष्टता में असाधारण मेहनत दिखाने के लिए अपने सभी छात्रों को हम स्कूल की श्रेष्ठ उपलब्धियों में शामिल करते हैं।
आर. एस. कसवा
आदर्श विद्यालय की स्थापना एक छोटे से पौधे के रूप में सन् 1990 में हुई थी जिसने आज एक विशाल वृक्ष का रूप ले लिया है । शिक्षा समाज का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जिस पर मानव का सम्पूर्ण भविष्य टिका है । शिक्षा वह अभिकरण है जिसके द्वारा व्यक्ति अपने परिवार में, समाज में, देश में, व विश्व में अपना स्थान बना पाता है । प्रिय विद्यार्थियों जैसा कि आप जानते है हमारे विद्यालय का आदर्श वाक्य है ‘‘तमसो मा ज्योतिर्गमय’’ अर्थात अंधकार से प्रकाश की ओर चले । इसका सबसे अच्छा उदाहरण है- सूर्य दिन भर तपने के पश्चात रात्रि को विश्राम करता है तथा प्रातः काल फिर से उदित होता है ।
हम भी नित्य, जीवन, उत्साह एवं स्फूर्ति लेकर उदय हो सकते है । विद्यार्थी के अन्दर सामर्थ्य का असीम भण्डार छिपा होता है । विद्यार्थी उतम चरित्र तथा सुसंस्कारो द्वारा राष्ट्र की प्रगति में अपना बहुमूल्य योगदान दे सकता है ?
आदर्श विद्यालय का प्रयास रहा है कि बच्चों को उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए तैयार करना रहा है इस पुनीत कार्य में विद्यालय काफी हद तक सफल रहा है ।
आज समाज की सबसे बङी समस्या है बच्चों में बढती अनुशासन हीनता। हमनें प्रारम्भ से ही बच्चों को अनुशासन का पाठ पढाने का प्रयास किया परन्तु साथ में यह भी ध्यान रखा है कि बच्चों को स्वतंत्र व सौहार्द्रपूर्ण वातावरण मिले । मैं अभिभावकों से भी आशा व अपेक्षा करता हूँ कि वे अपने व्यस्त समय में से कुछ समय अपने बच्चों को अवश्य दे । उनके प्रतिदिन के क्रिया कलापो से अपने आपको अनभिज्ञ न रखे ।
विद्यालय विद्यार्थियों के चहुँमुखी विकास के लिए कृत संकल्प है । इस हेतु विद्यालय ने अध्ययन के क्षेत्र के साथ सहशैक्षिक गतिविधियों में भी अनेक कीर्तिमान स्थापित किए है । तथा विद्यालय हर तरह से प्रयास करता है कि छात्र छात्रायें पुरानी परम्पराओं व मूल्यों को अपनाते हुए आधुनिक समय में सामन्जस्य रख सके ।
आपके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाओं सहित ।
जे. एस. परिहार
मानव जीवन परमपिता परमैश्वर की सभी कृतियों में सर्वश्रैष्ठ है । जिसने मानवता को समझ लिया और जान लिया समझो उसने सब कुछ जान लिया , समझ लिया । जीवन के किसी भी क्षेत्र में सफल होने के लिए स्वयं पर आत्म विश्वास अति आवश्यक है । मैं यहा उल्लेख करना चाहूॅगा कि शिक्षक की गोद में प्रलय और निर्माण दोनो खेलते हैं, लेकिन एक सृजनशील समाज की जड़े सशक्त शिक्षा प्रणाली में ही निहित हैं , और आज उस प्रणाली की हमें सख्त आवश्यकता हैं। आज विद्यार्थियों के लिए ऐसे पाठय क्रम की आवश्यकता हैं , जो उनमे ज्ञान के समृद्व और विविध आयामों को प्रदान कर उनकी समझ और कौशल के साथ साथ उनमे सृजनात्मक और विश्लेषणात्मक क्षमता का विकास करें।
जैसा कि आपको विद्वित हैं कि शिक्षको का प्राथमिक उदृेश्य छात्रों को सकारात्मक सोच और कौशल के साथ श्रैष्ठ मनुष्य बनने की शिक्षा देना हैं जिसमें वे राष्ट्र निर्माण के लिए योग्य बन सके। उत्कृष्ट शिक्षकों का कार्य साधारण लोगो को असाधारण प्रयास करने के लिए प्रोत्साहित करना हैं। उसके साथ ईश्वर में आस्था , माता-पिता व गुरूजनों का आशीर्वाद यदि आपके साथ यह सभी बातें है तो आप इस संसार पर विजय प्राप्त कर सकते है। इसमें कोई सन्देह नही कि हमारे विद्यालय में कुशल और प्रतिष्ठित शिक्षकों का कोई अभाव नही हैं, ऐसे आदर्श शिक्षक नवीन अवसरों, चुनौतियों औंर जिम्मेदारियों को विपरीत परिस्थितियों से निपटनें में सक्षम है। मैं पूर्णतः आश्वस्त हूं कि हमारे आदर्श शिक्षक विद्यार्थियों का मार्गदर्शक पूर्ण रूप से सही दिशा में कर रहे हैं और भविष्य में भी करते रहेगे।
मैं प्रधानाचार्य के रूप् में आपको विश्वास दिलाता हूं कि मैं और मेरे सभी विद्वान साथी मिलकर आगामी वर्षों में अपनी सत्यनिष्ठता कत्तर्व्यपरायणता , और उत्कृष्टता के नवीन आयाम स्थापित करेगे व आदर्श विद्यालय को शिक्षा जगत में सर्वोच्च शिखर पर पहुचाएगे। आदर्श विद्यालय ज्ञान का वह तीर्थ स्थल है जहाँ प्रत्येक जीवन की तकनीक व प्रतिस्पर्धा की चुनौतियों को स्वीकार करके उस पर विजय हासिल करते हुए खुशी मनाता है। 21 वीं शताब्दी अनेंक चुनौतियों का सामना करने के लिए शिक्षा के क्षेत्र में अनेक क्रांतिकारी कदम अपेक्षित है इसी बात को ध्यान में रखते हुए संस्थापक आर.एस. कसवा ने अपने अथक प्रयासो से क्षेत्र में हिन्दी - अंग्र्रेजी माध्यम के विद्यालय स्थापित किये गये है । उनमें इन्ही प्रयासों से विद्यालय ‘‘ दिनदुनी रात चौगुनी ’’ की तर्ज पर तकनीकी युग के साथ विकासशील है ।
विद्यालय के बोर्ड परीक्षा परिणाम हर साल श्रेष्ठतम रहते है। इसमें कोई दो राय नही है लेकिन विषयगत ज्ञान के अतिरिक्त वर्षपर्यन्त चलने वाली खेलकूद, वाद-विवाद, आशुभाषण, नृत्यकला, सांस्कृतिक कार्यक्रम बाल मेला , विज्ञान मेला आदि प्रतियोगिताओं में भी बढ चढ कर भाग लेने से उत्साहित विद्यार्थी भावी जीवन में कुछ कर दिखाने की अभिलाषा को जीवन्त बनाये हुए है ।
हमारा विद्यालय लम्बा पारम्परिक रिवाज रखता है व हमारा स्टाफ सुरक्षा व संरक्षण प्रदान करने में गर्व महसूस करता है ।
आदर्श विद्यालय के प्रधानाचार्य के रूप में मुझे अत्यधिक खुशी एवं गर्व है कि मैं आपका आदर्श विद्यालय की वेब साइट पर तहेदिल से स्वागत करूँ ।